General Bipin Rawat Biography in hindi

General Bipin Rawat Biography in hindi नमस्कार दोस्तों, देश की सेवा करने के लिए देश का हर नागरिक हर दम तैयार रहता हैं. ऐसे ही देश की सेना में जाने के लिए ही हर कोई हर वक़्त तैयार रहता हैं पर देश की सुरक्षा, शान्ति और अखंडता को बनाये रखने के लिए अपनी जान तक देश पर न्योछावर कर देता हैं.

ऐसे ही हमारे देश में तीनों सेनाओं में सामंजस्य बैठाने वाले देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत जिन्होंने देश की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी न्योछावर कर दी. 8 दिसंबर 2021 को हेलीकॉप्टर क्रैश होने के कारण उनकी दुखद मृत्यु हो गई। इस हादसे के दौरान उनके साथ उनकी धर्मपत्नी के साथ-साथ सेना के और भी अधिकारी शहीद हो गए। 

आज के इस लेख में हम देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के जीवन परिचय से संबंधित जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेंगे आप लगातार हमारे साथ बने रहिए। 

कौन थे जनरल बिपिन रावत

जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड में हुआ था. इनके पिता जी का नाम जनरल लक्ष्मण सिंह था। जनरल बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधुलिका रावत था. जो कि इनके साथ ही शहीद हो गई थी। जनरल बिपिन रावत के दो बेटियां हैं। 

जनरल बिपिन रावत हिंदू धर्म कि राजपूत जाति से आते हैं। जनरल बिपिन रावत भारत के प्रथम सीडीएस थे इनका मुख्य कार्य जल,वायु और थल सेना के मध्य सामंजस्य बैठाना था। 

जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस जनरल बनने से पहले भारतीय थल सेना के अध्यक्ष थे लेकिन बाद में धीरे-धीरे तीनों सेनाओं के बीच में सामंजस्य बैठाने के लिए सीडीएस का निर्माण किया गया और इस सीडीएस के पहले अध्यक्ष सर जनरल बिपिन रावत को बनाया गया। 

जनरल बिपिन रावत ने अपने सीडीएस कार्यकाल के दौरान बहुत ही मेहनत के साथ कार्य किया जिसके कारण दुनिया ने उन्हें बहुत ही प्यार दिया। 

बिपिन रावत भारत के पहले प्रमुख रक्षा प्रमुख रह चुके हैं सर जनरल बिपिन रावत ने 31 दिसंबर 2019 को अपना कार्यभार संभाला था 16 दिसंबर 1978 को सर जनरल बिपिन रावत ने 11वी गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन में कमीशन मिला था. 

उन्होंने सन 2016 में देश के सबसे बड़े आर्मी यानी कि थल सेना के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। सर जनरल बिपिन रावत को अपने देश सेवा में योगदान के कारण कई प्रकार के पुरस्कार भी मिले हैं जिनमें उन्होंने परम विशिष्ट सेवा मंडल और उत्तम युद्ध सेवा मंडल आदि मेडल प्राप्त किए हैं। 

जनरल बिपिन रावत का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सर जनरल बिपिन रावत की प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में ही हुई इसके पश्चात उन्होंने रावत इंडियन मिलिट्री स्कूल देहरादून में एडमिशन लिया जहां पर बिपिन रावत को इस वर्ल्ड ऑफ ऑनर का सम्मान मिला था। 

यहां से जनरल बिपिन रावत अपनी उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए थे अमेरिका में जनरल बिपिन रावत ने फैन सर्विस स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन प्राप्त करने के पश्चात सेना में अपने कमांड को बढ़ाने के लिए उन्होंने हायर कमांड की शिक्षा प्राप्त की। 

अमेरिका से पढ़ाई करके लौटने के पश्चात 16 दिसंबर 1978 को सेना के एक गोरखा राइफल में बिपिन रावत जी को पहली पोस्टिंग दी गई यह मुख्यतः मिजोरम में स्थित थी उन्होंने यहां पर गोरखा बटालियन का नेतृत्व किया था। 

बिपिन रावत का कैरियर और उनके द्वारा किए गए कार्य

जनरल बिपिन रावत की मिजोरम में पोस्टिंग होने के पश्चात उन्होंने वहां पर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के कारण उनकी बटालियन को उत्तर पूर्व की सर्वश्रेष्ठ बटालियन के रूप में नामित किया गया। 

गोरखा बटालियन में रहते हुए सर जनरल बिपिन रावत अपनी आक्रमक नीतियां अपनाने लगे जिसके कारण उन्होंने एक अलग ही अनुभव प्राप्त किया।

जनरल बिपिन रावत मिजोरम में अपने अनुभवों के कारण बहुत ही सेना के अंदर पॉपुलर हो गए थे और उनकी काबिलियत और सुरक्षा नीति और युद्ध नीति को देखते हुए सेना के उच्च अधिकारियों ने सर बिपिन रावत की पोस्टिंग कश्मीर में कर दी. 

जहां पर उन्होंने कई ऑपरेशन को बहुत ही कारगर रूप से सफल किया। जनरल बिपिन रावत को कश्मीर में लगातार रहने के कारण उनको कश्मीर के सभी मुद्दों को समझने में भी आसानी हो गई थी।

बिपिन रावत ने जम्मू कश्मीर में कार्य करते हुए कई ऑपरेशन में अपनी एक महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग भागों में भी कार्य किया तथा यहां पर उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण रूप से दक्षिणी कमान के कमांडर और थल सेना अध्यक्ष का पदभार भी कश्मीर में रहते हुए संभाला था।

बिपिन रावत ने थल सेना अध्यक्ष रहते हुए कागोमे मल्टी नेशनल बिग्रेड की कमान भी संभाल ली थी इसके साथ ही सर जनरल बिपिन रावत को यूएन मिशन में सेक्रेटरी जनरल और फोर्स कमांडर के पद पर कार्य करने का भी मौका मिला था।

जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस जनरल कब बने? 

सर जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को भारत के सबसे पहले सीडीएस जनरल बने थे इसके साथ ही वह 1 जनवरी 2020 को भारतीय रक्षा के भी प्रमुख बने थे। जब सर जनरल बिपिन रावत ने भारतीय रक्षा विभाग का पदभार ग्रहण किया था उस समय इस पद पर भारतीय दलबीर सिंह सुहाग यहां के अध्यक्ष थे। 

भारत के पहले सीडीए जनरल रावत को मिलने वाले पुरस्कार

भारत के पहले सीडीएस जनरल जनरल बिपिन रावत को परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था इसके साथ ही उनको उत्तम युद्ध सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उनको अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक ,सेना पदक विशिष्ट सेवा पदक आदि से सम्मानित किया गया था।

जनरल बिपिन रावत ने आर्मी के कौन कौन से विभाग में कार्य किया- 

जनरल बिपिन रावत ने अपने आर्मी के जीवन में विभिन्न विभागों में कार्य किया जिनके नाम प्रमुख है। Crops, GOC-C, SOUTHERN COMMAND, IMA DEHRADUN, MILLTERY OPREATIONS DIRECTORET में LOGISTICS STAFF OFFICER में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

जनरल बिपिन रावत की सैलरी कितनी होती थी?

जनरल बिपिन रावत को भारत के सीडीएस रहते समय उनको हर महीने ₹250000 की सैलरी दी जाती थी। जब भारत में कोरोना जैसी बीमारी ने विकराल रूप ले लिया था. 

उस समय भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अपनी सैलरी में से हर महीने लगभग ₹50000 प्रधानमंत्री कोविड-19 कोष में देने की घोषणा की गई थी जिसके कारण वह लोगों में एक चर्चा का विषय बन गए थे। 

भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत कब और कैसे शहीद हुए ?

सर जनरल बिपिन रावत एक हेलीकॉप्टर में अपने आर्मी के साथियों के साथ सफर कर रहे थे तथा इस समय उनके साथ उनकी धर्मपत्नी भी सफर कर रही थी और अचानक किसी कारणवश उनका है. 

हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिनके कारण उनकी मृत्यु 8 दिसंबर 2021 को हो गई। भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की यह शहादत लगभग 63 वर्ष की आयु में हो गई थी.

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निष्कर्ष

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