pm matritva vandana yojana kya hai ? नमस्कार दोस्तों, महिलाओं और लिए वैसे तो देश में कई तरह की योजनायें चल रही है। इन्ही योजनाओं की सूची में एक और योजना की शुरुआत हाल ही में की गई है। इस योजना को PMMVY नाम दिया गया है वही इसके साथ ही इस योजना को उन महिलाओं के लिए शुरू किया है जी पहलीबार गर्भधारण करती है और और स्तनपान करती है।
केंद्र सरकार दुवारा लागू इस योजना के तहत उन महिलाओं को 6 हजार रूपये दिए जायेंगे जो महिलाएं पहलीबार गर्भधारण करती है और पहली बार स्तनपान करती है। इस योजना का एक और नाम प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के नाम से भी जाना जाता है।
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PMMVY क्या है ?
यह एक सरकारी योजना है। इस योजना के तहत हर महिला को जो इस योजना के अधीन आती है। उन्हें 6000 रुपयों की आर्थिक मदद दी जायेगी। महिला के गर्भपात होने पर इस योजना का लाभ दिया जाएगा ताकि महिलाओं को किसी भी प्रकार का कोई आर्थिक कमी की वजह से कोई नुकसान न हो।
इस योजना को की शुरुआत केंद्र सरकार ने की है। 2017 में लागू हुई इस योजना को आज देश के हर कौने में इस योजना का लाभ महिलाओं को दिया जा रहा है।
योजना का संक्षिप्त विवरण
इस योजना का यह संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –
योजना का नाम | प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना |
योजना की शुरुआत किसने की | केंद्र सरकार ने |
योजना को शुरुआत | 1 जनवरी 2017 में |
किस विभाग के अधीन है | महिला और बच्चों का विकास मंत्रालय |
आवेदन की अंतिम तिथि। | Not Applicable |
लाभार्थी | गर्भवती महिला |
योजना का लाभ | 6000 रूपये |
आधिकारिक वेबसाइट | https://wcd।nic।in/ |
यह है इस योजना की कुछ संक्षिप्त और सामान्य जानकारी।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में आवेदन
इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए आपको अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाडी केंद्र इत्यादि पर जाना होता है। वहा जाने के बाद इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।
गर्भवती महिला इन केन्द्रों पर जाकर इसके लिए फॉर्म भर सकती है और आवेदन कर सकती है। अगर आवेदन करने के बाद कोई महिला पहले जीवित बच्चे को जन्म देती है तो उसके बाद ही इस योजना का लाभ यानी 6000 रूपये दिए जाते है।
योजना के लिए पात्रता
वैसे तो इसय योजना का लाभ हर गर्भवती महिला को दिया जाता है। बावजूद इसके इस योजना का लाभ देने से पहले महिलाओं की यह कुछ योग्यताओं या पात्रता को चेक किया जाता है। यह कुछ इस प्रकार है –
- इस योजना में आवेदन करने वाली महिला 19 किश्त वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- इसके अलवा वो महिला 1 जनवरी 2017 के बाद गर्भवती हुई हो।
इन दोनों पात्रता को पूरा करने के बाद ही योग्य महिला इस योजना का लाभ ले सकती है। कहने का सामान्य मतलब यह है की इसमें महिला की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इस योजना की पात्रता के तहत 2017 में बाद गर्भ धारण करने वाली महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जाता है। जो की एक सामान्य प्रक्रिया है।
PMMVY के लिए आवश्यक दस्तावेज
इस योजना को की शुरुआत केंद्र सरकार ने की है। 2017 में लागू हुई इस योजना को आज देश के हर कौने में इस योजना का लाभ महिलाओं को दिया जा रहा है। इसके अलावा उन महिलाओं को इस योजना के लिए कम से कम इन दस्तावजों को अपने साथ अस्पताल में ले जाना होता है जो इस प्रकार है –
- लड़की के माता – पिता का आधार कार्ड,
- लड़की के माता – पिता का पहचान पत्र,
- बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र,
- बैंक के खाते की पासबुक।
महिलाओं के लिए यह सभी जरुरी दस्तावेज है।
PMMV योजना के उद्देश्य
इस योजना से जुड़े यह कुछ सामान्य उद्देश्य है। इन उद्देश्यों को आप जान सकते है और इनके बारे में देख सकते है।
- महिलाओं के गर्भमपान, स्तनपान के लिए उनकी देखभाल करना और उन पर से वित्तीय बोझ को कम करना।
- शुरुआत से ही महिलाओं को इसके बारे में जानकारी देना और पोषण से सम्बंधित जानकारी देना।
- इस योजना के तहत जो वित्तीय सहायता दी जाती है उसका उद्देश्य है की महिलाओं को एक बेहतर अवसर मिल सके ताकि वे अपने बच्चे का पालन पोषण कर सके।
- कुपोषण और मृत्यु दर को कम करना भी इसका एक मुख्य उद्देश्य है।
यह इस योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य है।
PMMV योजना के लाभ
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के कुछ लाभ भी है जो इस योजना को लाभाकरी बनाता है। इस योजना से जुड़े कुछ लाभ इस प्रकार है –
- महिला के पहली बार गर्भवती होने पर उस महिला को आर्थिक सहायता के तौर पर 6000 दिए जायेंगे ताकि उस महिला को कोई वित्तीय विक्कते न आये।
- इस योजना के तहत मिलने वाली राशि तीन आसान किश्तों में दी जाती है। इन किश्तों में पहली किश्त 1000 रूपये की होती है, उसके बाद दूसरी किश्त 2000 की, तीसरी किश्त 2000 रूपये की। इसके अलावा पीछे बचे 1000 रूपये महिला को उस समय दिए जायेंगे तब वह बच्चे को किसी अस्पताल में जन्म देगी या जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थी होगी।
- इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक लाभ देना है ताकि वो अपने बच्चे की और अपनी देखभाल आसानी से कर सके।
तीन किश्त का समय
इन तीनों किश्तों का समय निर्धारण कुछ इस प्रकार है। इसमें पहली किश्त आखिरी माहवारी के 150 दिनों में दी जाती है। इसके बाद दूसरी किश्त लेने के लिए महिलाओं को एक बार चेकअप करवाना जरुरी है। इसके बाद तीसरी किश्त लेने के लिए महिला को बच्चे का रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी होता है।
इस प्रकार से महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जाता है। इसके अलावा इसमें कोई और प्रोसेस नही होता है।
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अंतिम शब्द
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